फिस्ट्रोलॉजी:-क्या आप जानते है इस शब्द का अर्थ अगर जानते है तो अपने विचार इस पोस्ट में रखियेगा ओर नही जानते तो हम बताते है इसका अर्थ।जिस अघोर ओर तंत्र को कुछ पढ़े लिखे ज्ञानीजन अंधविस्वास बोलते है ये लेख मुख्यतः उनके लिए ही है और ये लेख पूर्णतया वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप से मान्य किया है।जल्द ही ये शब्द आपको हर पत्रिका ओर चिकित्सा विज्ञान में चर्चित होता हुआ मिल जाएगा।जिस नाड़ियो को जागृत करने को आप समय की व्यर्थता मानते थे उनको आज वैज्ञानिको ने पूर्णतया सत्य और सैद्धान्तिक मान्यता देकर पौराणिक तंत्र और अघोर की आध्यात्मिकता को मान्यता दे दी है
*** फिस्ट्रोलॉजी के अनुसार, मानव मस्तिष्क में नौ डिवीजन होते हैं और वे ज्योतिष में ग्रहों के समान कार्यक्षमता रखते हैं. थलमस एक न्यूरोन है जो मानव मस्तिष्क में मुख्य और मध्य स्थान में होता है, यह न्यूरोन ठीक सूर्य की तरह कार्य करता है, यह सभी अभिव्यक्तियों के अभिन्न गुणों को निर्धारित करता है.
थैलेमस के नीचे हाइपोथैलेमस होता है जो चंद्रमा की तरह काम करता है. यह भावनाओं तथा उसके मस्तिष्क पर प्रभाव से जुड़ा होता है, अमिगडाला मंगल है जो जीवन में मानव गति को नियंत्रित करता है, सुब्थालमस बुध है, ग्लोबस पल्लीदुस बृहस्पति, सबस्टान्सिया निग्रा शुक्र है, प्यूटमेन शनि है, न्यूक्लियस क्यूडाटस हेड राहू है जो मानव की देखने की क्षमता यानी आंखों को नियंत्रित करता है और न्यूक्लियस क्यूडाटस टेल केतू है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है.
इन 9 न्यूरॉन्स के माध्यम से मानव मस्तिष्क पूरे शरीर को नियंत्रित करता है. जब अंग के साथ इन न्यूरॉन्स का समन्वय बिगड़ जाता है तो इसके परिणामस्वरूप कैंसर, अवसाद, उच्च रक्तचाप, कार्डिएक अटैक, किडनी रोग, अनिद्रा, अवसाद, अल्जाइमर, स्किजोफ्रेनिया जैसे रोग होते हैं.